पूर्वांचल की बात हो तो सबसे पहले जिस शहर का नाम आता है उसकी चर्चा साल 2018 से बहुत ज्यादा होने लगी है। जी हां हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर की। वेब सीरीज में इसे चाहे जैसा दिखाया गया हो लेकिन मिर्जापुर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है।

संभल कर भईया ये उत्तर प्रदेश है… यहां आम सी सड़के किसी खास जगह पर ले जाती हैं। ये सड़के पेड़-पक्षियों की चहक के बीच आपको प्रकृति की बेहतरीन रचना से रूबरू कराती हैं। लखनऊ, आगरा, कानपुर, ये यूपी के ऐसे शहर है जहां पर हर कोई इतिहास से रूबरू होता है, लेकिन अगर आप नेचर को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको आना पड़ेगा पूर्वांचल।
पूर्वांचल की बात हो तो सबसे पहले जिस शहर का नाम आता है उसकी चर्चा साल 2018 से बहुत ज्यादा होने लगी है। जी हां हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर की। वेब सीरीज में इसे चाहे जैसा दिखाया गया हो, लेकिन मिर्जापुर अपने टूरिस्ट स्पॉट के लिए जाना जाता है। लखनिया दरी, चुनादरी, विंढम फाल, टांडा फाल, बोकाड़िया दरी, सिद्धनाथ की दरी आदि दर्जनों ऐसे वाटरफॉल हैं, जो प्राक्रतिक दृष्टि से समृद्ध हैं। आज इस खबर में हम आपको पांच ऐसे वाटरफॉल के बारे में बताएंगे जहां जाकर आपके उत्तर प्रदेश को देखने का नजरिया बदल जाएगा।
वैसे तो मिर्जापुर इन दिनों वेब सीरीज के चलते अपराधों के लिए जाना जाने लगा, लेकिन यहां की तस्वीर इससे इतर है। मिर्जापुर में घूमने की बेहतरीन जगहें हैं, इन्हीं में से एक है विंडम वाटरफॉल। मिर्जापुर शहर से 14 किलोमीटर दूर स्थित यह वाटरफॉल पर्यटकों की पसंदीदा जगह है। यह वाटरफॉल परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने का बेहतरीन स्थान है। चट्टानों के बीच में बहता पानी नजारे को खूबसूरत बनाता है। यहां पर लोग नहाते भी है, इसके साथ ही खाना बनाकर यहां पिकनिक भी मनाते हैं।

सिद्धनाथ की दरी
उत्तर प्रदेश के बेहतरीन झरनों की जब भी बात होती उसमें सिद्धनाथ की दरी टॉप पर है। यह वाटरफॉल यूपी के जौगढ़ में मौजूद है। इस वाटरफॉल का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा है। कहा जाता है कि बाबा यहां पर साधना किया करते थे। यह वाटरफॉल चुनार में पड़ता है और यह सक्तेशगढ़ में बाबा अड़गड़ानंद के आश्रम से 2 किलोमीटर की दूरी पर ही है।

यह झरना बेहद ही खूबसूरत है। पहाड़ों से गिरता पानी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस झरने के चारों तरफ प्राकृतिक रूप से फैली पहाड़ियां और पेड़-पौधे यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। परिवार और दोस्तों संग पिकनिक मनाने का ये बेस्ट स्पॉट है।
सिरसी वाटरफॉल
अगर आप मिर्जापुर घूमने जा रहे हैं तो यहां से मात्र कुछ ही दूरी पर स्थित सिरसी वाटरफॉल जरूर जाएं। सिरसी डैम के ठीक पीछे एक झरना है, ये झरना आपको ये एहसास कराता है कि नेचर कितना खूबसूरत हो सकता है। सिरसी डैम को देखकर आपको ऐसा लगेगा की आप समुंदर के किनारे पहुंच गए हैं। इस डैम का दूसरा छोर नहीं दिखाई देता।

सिरसी वाटरफॉल सिरसी डैम से ही गिरता है। मिर्जापुर से घोरावल रोड पर लगभग 45 किलोमीटर बहुत ही मनमोहक और प्राकृतिक छटाओं से भरपूर वाटरफॉल है सिरसी वाटरफॉल। यह वाराणसी से लगभग 55 किलोमीटर है। सिरसी में लोग पिकनिक मनाने जाते हैं, यहां पहाड़ों से गिरता पानी आपको पहाड़ों की याद जरूर दिला देगा।

टांडा फॉल
टांडा वाटरफॉल उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध झरनों में से एक है। मिर्जापुर से 7 किलोमीटर दक्षिण की ओर जाने पर बहुत ही मनमोहक टांडा जलप्रपात है। यहां जाने का रास्ता सड़क मार्ग ही है। आपको जाने में भले ही थोड़ी परेशानी हो, लेकिन इसकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। बरसात के मौसम में प्राकृतिक वनस्पति और जीव अपने चरम पर होते हैं। यहां कल-कल बहता पानी चट्टानों को ठंडा रखता है।
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मुक्खा वॉटरफॉल
वैसे तो मिर्जापुर के आगे बसा सोनभद्र एरिया अपने बेहतरीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। बिड़ला मंदिर पूरे विश्व में फेमस है, लेकिन इसके अलावा यहां एक ऐसा झरना है जो प्रकृति की गोद में विराजमान है। रॉबर्ट्सगंज से 55 किलोमीटर पश्चिम में और शिवद्वार से 15 किलोमीटर की दूरी पर है मुक्खा फॉल। यूपी के सोनभद्र जिले में मौजूद ये झरना मानसून के वक्त अपने शबाब पर रहता है। यहां पर जल का विकराल रूप देखकर लोगों को एक बार को डर जरूर लगेगा।

मुक्खा फॉल पर गर्मियों के सीजन में भारी संख्या में टूरिस्ट पहुंचते हैं। फैमिली, फ्रेंड्स या फिर पार्टनर के साथ अच्छा वक्त बिताने के लिए ये एकदम बेहतरीन जगह है। यहां जाने का रास्ता थोड़ा कठिन है, लेकिन जब आप इस फॉल को देखेंगे तो सारी थकावट दूर हो जाएगी।